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"मनरंगी" गरिमा मुद्गल द्वारा रचित एक ऐसी फिक्शन उपन्यास है जो जीवन के रंगों की गहराइयों को छूती है। मानव और ऋचा की कहानी के माध्यम से यह उपन्यास हमारे जीवन में रंगों और भावनाओं की महत्वपूर्णता को उजागर करता है। कहानी किसी नदी की तरह बहती है—कभी पहाड़ों से गुज़रती अल्हड़ नदी की तरह तो कभी गहरे और शांत जल की तरह। हर पड़ाव पर कहानी की तासीर बदलती है, मानो वह एक सागर की ओर बढ़ती हुई नदी हो। "मनरंगी" केवल एक कहानी नहीं है, यह एक यात्रा है—जीवन के विभिन्न रंगों को समझने और उन्हें दिल से अपनाने की। इस पुस्तक को पढ़ते समय, आपको ऐसा महसूस होगा जैसे आप इन रंगों के साथ-साथ इस यात्रा का भी हिस्सा बन रहे हैं। अगर यह कहानी आपके हृदय को छू जाए, तो यकीन मानिए, "मनरंगी" अपने मुकाम तक पहुँच गई। इस यात्रा में शामिल हों और देखें कैसे मानव और ऋचा की कहानी आपके मन को रंग देती है। . लेखक परिचय: लेखन के विभिन्न आयामों में ख़ुद को तलाशते हुए गरिमा मुद्गल कविताएँ और कहानियाँ लिखती हैं । मीडिया जगत में विभिन्न रचनात्मक कामों के ज़रिए गरिमा ने अपनी कलात्मक अभिव्यक्ति को समय के साथ निखारा है। बतौर मीडिया फैकल्टी के रूप में काम कर चुकीं गरिमा फ़िलहाल Webdunia इंदौर में Feature Editor और Podcaster के तौर पर कार्यरत हैं।